राष्ट्रीय वन नीति 1988 के अनुसार वनों में एवं वनों के आसपास रहने वाले आदिवासियों एवं अन्य ग्रामीणों का वन उत्पाद पर प्रथम अधिकार माना जायेगा । इस सिद्धांत के अनुसार संयुक्त वन प्रबंधन की प्रणाली के अंतर्गत वनों के प्रबंधन में स्थानीय जनता का सहयोग लिया जा रहा है। वनों के संरक्षण एवं विकास में जन-भागीदारी प्राप्त करने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश शासन द्वारा दिनांक 22 अक्टूबर, 2001 को समिति संकल्प जारी किया गया है, जिसमें तीन प्रकार की संयुक्त वन प्रबंधन समितियॉं 1. सघन वनक्षेत्रों में वन सुरक्षा समिति 2. बिगडे वनक्षेत्रों में ग्राम वन समिति 3. संरक्षित क्षेत्रों में ईको विकास समिति गठन का प्रावधान है -
प्रदेश में संयुक्त वन प्रबंधन के तहत 9784 ग्राम वन समिति, 4773 वन सुरक्षा समिति तथा 1051 ईको विकास समिति कुल 15608 समितियॉं गठित हैं, जिनके द्वारा 79704 वर्ग कि.मी. वनक्षेत्र का प्रबंधन किया जा रहा है।
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