वनसंरक्षण की गतिविधियॉं :
प्रदेश के वनों पर बढ़ते जैविक दबाव, बढ़ती जनसंख्या तथा कृषि हेतु जमीन की बढ़ती भूख के कारण वन क्षेत्रों में अतिक्रमण एक गंभीर समस्या है। वर्तमान में संगठित एवं हिसंक अतिक्रमण के प्रयास भी हो रहे है। कई अशासकीय संगठनों द्वारा भी वन क्षेत्र में अतिक्रमण को प्रोत्साहित करने की घटनाये भी प्रकाश में आई है।
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जनभागीदारी एवं क्षेत्रीय इकाईयों की सक्रियता से वन अपराधों पर नियंत्रण के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। विभाग द्वारा विगत पांंच वर्षों में पंजीबद्ध वन अपराध प्रकरणों का विवरण तालिका में दर्शित है : -
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वन अपराधों का विवरण |
वन अपराध प्रकरण |
2011 |
2012 |
2013 |
2014 |
2015 |
अवैध कटाई के प्रकरण |
55699 |
54634 |
54011 |
52613 |
48988 |
अवैध चराई के प्रकरण |
1325 |
1112 |
1031 |
877 |
933 |
अवैध परिवहन के प्रकरण |
2282 |
2082 |
2239 |
2137 |
1968 |
अतिक्रमण |
प्रकरण संख्या |
1479 |
2411 |
1699 |
1573 |
1658 |
नवीन प्रभावित क्षेत्र (हे.) |
2010 |
4997 |
3679 |
3140 |
2622 |
अवैध उत्खनन |
प्रकरण संख्या |
1014 |
758 |
1257 |
1186 |
986 |
प्रभावित क्षेत्र (हे.) |
4357 |
3107 |
279 |
659 |
631 |
कुल पंजीबद्ध वन अपराध |
66514 |
64910 |
62293 |
60411 |
56174 |
अवैध परिवहन मे जप्त वाहनों संख्या |
1001 |
1592 |
1126 |
1295 |
1651 |
न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरण |
2110 |
2113 |
2885 |
3180 |
3227 |
वन अपराध में वसूल राशि (लाख में) |
296.47 |
318.98 |
429.87 |
451.49 |
387.31 |
पर्यावरण एवं वनों की सुरक्षा की दृष्टि से काष्ठ के चिरान एवं व्यापार को लोकहित में विनियमन करने के लिये बनाये गये म0प्र0 काष्ठ चिरान अधिनियम 1984 के प्रावधानो का उल्लंघन करने पर दर्ज किये गये वन अपराध प्रकरण का विवरण तालिका में दर्शित है : - |
वन अपराधों का विवरण |
वर्ष |
2011 |
2012 |
2013 |
2014 |
2015 |
प्रकरण संख्या |
385 |
301 |
308 |
184 |
172 |
वनों की प्रभावी सुरक्षा हेतु क्षेत्रीय कर्मचारियों की गतिशीलता बढ़ाने हेतु वाहन उपलब्ध कराये गये है। अतिसंवेदनशील वनक्षेत्रों में बीट व्यवस्था के स्थान पर सामूहिक गश्त हेतु वन चौकियों की स्थापना की गई है। वर्ष 2015 की स्थिति में 329 वन चौकियां कार्यरत हैं। प्रत्येक चौकी में गश्ती हेतु वाहन उपलब्ध है। परिक्षेत्र स्तर पर वन गश्ती एवं सुरक्षा हेतु वाहन अनुबंधित कर उपलब्ध कराये गये हैं। वन अपराधों पर नियंत्रण एवं त्वरित कार्यवाही हेतु प्रत्येक वन वृत्त में उड़नदस्ता दल कार्यरत है। उड़नदस्ता दल में पर्याप्त संख्या में वनकर्मी, शस्त्र एवं वाहन उपलब्ध हैं। ऐसे क्षेत्रों में, जहां संगठित वन अपराधों की संभावना है, विशेष सशस्त्र बल की 3 कंपनियां भी तैनात की गई हैं। वर्ष 2015 में 1350 वन अपराधियों के विरूद्ध न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किये गये तथा समस्त वन अपराधों में 2667 वाहन जप्त किये गये हैं जिसमें अवैध परिवहन में 1758 वाहन जप्त किये गये है। कर्तव्य के दौरान वन कर्मचारियां पर हमलें के 45 प्रकरण दर्ज हुये, जिसमें 48 कर्मचारी हमले में गम्भीर रूप से घायल हुआ । वर्ष 2015 में रू. 3.57 करोड़ राशि अभिसंधारित प्रकरणों में वसूल की गई | वन अपराध प्रकरणों से संबंधित वनमण्डलवार/ वृत्तवार जानकारी परिशिष्ट क्रमांक 06 से 16 में संलग्न है। |
वन सुरक्षा प्रबंधन में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग :
वन सुरक्षा के अनुश्रवण हेतु इंटरनेट आधारित ”वन अपराध प्रबंधन प्रणाली“ (एफ.ओ.एम.एस.) विकसित की गई है। इसके अंतर्गत अपराधों के पंजीयन, उनकी जांच, अभिसंधान, वसूली, न्यायालय में चालान इत्यादि कार्यवाही की सतत् समीक्षा की जाती है। अग्नि दुर्घटनाओं की सामयिक जानकारी प्राप्त करने हेतु ’अग्नि सचेतन संदेश प्रणाली’ (फायर एलर्ट मेसेजिंग सिस्टम) विकसित की गई है। जिसके प्रभावी परिणाम प्राप्त हुए है। वर्ष 2011 में 19324 हे. वनक्षेत्र अग्नि से प्रभावित हुआ था जो 2015 में घटकर मात्र 1745 हे. वन क्षेत्र अग्नि से प्रभावित हुआ है। |
क्रमांक |
विषय वस्तु |
स्केनकापी |
1. |
मध्य प्रदेश में वन अपराधों की स्थिति (वर्ष 2013) पुस्तिका (पृष्ठ क्रमांक 1 से 25) |
डाउनलोड 15.63MB |
2. |
मध्य प्रदेश में वन अपराधों की स्थिति (वर्ष 2013) पुस्तिका (पृष्ठ क्रमांक 26 से निरंतर) |
डाउनलोड 18.01MB |
3. |
वन संरक्षण कार्यों से संबंधित विभिन्न प्रपत्र |
डाउनलोड 6.74MB |